क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी को EMI (Equated Monthly Installment) में बदलना आजकल एक आम और सुविधाजनक विकल्प बन गया है, खासकर जब बात बड़ी रकम खर्च करने की हो। इस सुविधा के माध्यम से आप अपने खर्च को आसान मासिक किस्तों में बांट सकते हैं, जिससे तत्काल वित्तीय बोझ कम होता है।
🛍️ EMI में खरीदारी: क्या है यह सुविधा?
EMI यानी ‘Equated Monthly Installment’ एक ऐसी सुविधा है, जिसके तहत आप अपने क्रेडिट कार्ड से की गई बड़ी खरीदारी की राशि को मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹30,000 का स्मार्टफोन खरीदा है, तो आप इसे 6 महीने की EMI में बदल सकते हैं, जिससे हर महीने ₹5,000 की किस्त चुकानी होगी।
💡 EMI में बदलने के तरीके
क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी को EMI में बदलने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं:
- बैंक की मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग: अधिकांश बैंक अपनी मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग पोर्टल पर EMI विकल्प प्रदान करते हैं, जहां से आप अपनी खरीदारी को EMI में बदल सकते हैं।
- कस्टमर केयर से संपर्क: यदि आप ऑनलाइन प्रक्रिया में सहज नहीं हैं, तो अपने बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क करके EMI में बदलने का अनुरोध कर सकते हैं।
- ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान: ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर खरीदारी करते समय ‘EMI’ विकल्प चुनकर सीधे ही किस्तों में भुगतान की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
✅ EMI में बदलने के फायदे
- तत्काल वित्तीय राहत: बड़ी खरीदारी की राशि को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर भुगतान करना आसान हो जाता है।
- बजट प्रबंधन में सहायक: EMI विकल्प से मासिक बजट पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है।
- क्रेडिट स्कोर में सुधार: समय पर EMI का भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है, जो भविष्य में लोन लेने में सहायक होता है।
⚠️ EMI में बदलने के नुकसान
- ब्याज दरें: EMI पर ब्याज दरें आमतौर पर 1.5% प्रति माह से शुरू होती हैं, जो सालाना 18% या उससे अधिक हो सकती हैं।
- प्रोसेसिंग फीस: कई बैंक EMI सुविधा के लिए ₹99 से ₹500 तक की प्रोसेसिंग फीस लेते हैं।
- क्रेडिट लिमिट पर प्रभाव: EMI में बदलने से आपकी क्रेडिट लिमिट का एक हिस्सा ब्लॉक हो जाता है, जिससे भविष्य की खरीदारी पर प्रभाव पड़ सकता है।
🔍 नो-कॉस्ट EMI: क्या वास्तव में बिना ब्याज के?
‘नो-कॉस्ट EMI’ का मतलब है कि ग्राहक को ब्याज नहीं देना होता, लेकिन अक्सर यह ऑफर प्रोडक्ट की कीमत में ही ब्याज जोड़कर दिया जाता है। इसलिए, खरीदारी से पहले प्रोडक्ट की वास्तविक कीमत और EMI विकल्प की शर्तों की जांच करना आवश्यक है।
📉 क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव
EMI का समय पर भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है, लेकिन यदि आप समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, बार-बार EMI में बदलने से आपकी क्रेडिट लिमिट का हिस्सा ब्लॉक हो सकता है।
📝 EMI में बदलने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- ब्याज दर और फीस: EMI विकल्प चुनने से पहले ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस की जानकारी अवश्य लें।
- EMI अवधि: छोटी अवधि की EMI पर ब्याज दर कम होती है, जबकि लंबी अवधि पर ब्याज दर अधिक हो सकती है।
- प्रीपेमेंट विकल्प: यदि आप EMI को समय से पहले चुकाना चाहते हैं, तो बैंक द्वारा लगाए जाने वाले प्रीपेमेंट चार्ज की जानकारी लें।
- क्रेडिट लिमिट पर प्रभाव: EMI में बदलने से आपकी क्रेडिट लिमिट का हिस्सा ब्लॉक हो सकता है, जिससे भविष्य की खरीदारी पर प्रभाव पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड से की गई खरीदारी को EMI में बदलना एक सुविधाजनक विकल्प हो सकता है, बशर्ते आप इसकी शर्तों और संभावित प्रभावों को अच्छी तरह समझें। सही जानकारी और समझदारी से लिया गया निर्णय आपके वित्तीय प्रबंधन को सरल और प्रभावी बना सकता है।